(नीता सिसौदिया ) एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में कोविड-19 की जांच की जा रही है। अब भारत सरकार ने जांचों की संख्या बढ़ाने के लिए ‘सीबी-नॉट’ मशीनों से भी जांच करने की अनुमति दे दी है। इंदौर में यह लैब एमआर टीबी अस्पताल में है। इसके लिए बायोसेफ्टी लेवल-2 की सुरक्षा अनिवार्य की गई है। स्टॉफ के प्रशिक्षण के बाद 18 अप्रैल से जांच शुरू करने की अनुमति दी जा रही है। इसका फायदा यह होगा कि अभी जो जांचें 10 से 12 घंटे हो रही हैं, वह चार से पांच घंटे में हो जाएंगी।
दरअसल, इंदौर सहित प्रदेश के 9 जिलों में ऐसी लैब स्थापित है, जहां सीबी-नॉट मशीन की सुविधा उपलब्ध है। एमआर टीबी अस्पताल में आईआरएल-3 है। यह बायोसेफ्टी लेवल-3 के स्तर की लैब है। इंदौर में इस महामारी के मरीजों की तादाद बढ़ने के कारण लंबे समय से इसकी मांग की जा रही है। बुधवार को ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र लिखकर टेस्ट शुरू करने के लिए कहा है। देशभर में ऐसे 135 सेंटर चिह्नित किए गए हैं।
क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इन्हें स्थापित किया गया था। अब सरकार इन्हें कोरोना संक्रमण की जांच के लिए ओपन कर रही है। स्टाफ को प्रशिक्षण देने के बाद 18 अप्रैल से जांच शुरू की जा सकती है। इसके अलावा जरूरी संसाधन भी जुटाकर दे रही है। गौरतलब है कि इंदौर में तेजी से संक्रमण फैला है। जिसके बाद यहां अधिक जांच केंद्र शुरू किए जाने की मांग उठ रही है। इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है, जहां प्रति दस लाख की आबादी पर सर्वाधिक संक्रमित मरीज मिले है।
- 2100 सैंपल अब तक जांचे जा चुके एजीएम की लैब में।
- 500 सैंपल रोजाना जांच के लिए आ रहे हैं इस लैब मेंं।
- 1100 सैंपल पुणे लैब भेजे गए।
- कम्युनिटी टेस्टिंग की मांग को देखते हुए सरकार ने ट्रू-नॉट कोविड-19 चिप्स और कार्टिरेज की खरीदी के आर्डर दे दिए हैं।